जीवन में उथल पुथल है तो ये आर्टिकल आप के लिए है-vaigyatm

दोस्तों जिंदगी लंबी है बहुत लंबी है और इस जिंदगी पर उथल पुथल आम बात है हो सकता है ये आप के साथ भी हो रहा हो पर आज में आप को तीन ऐसी बाते बताऊंगा की इस बात को ख़त्म करते वक्त आप आत्मिक शांत अवस्था जरूर पा सकेंगे।
अब देखिये समस्या पैदा कहा से होती है दुःख निराशा पीड़ा मानसिक अशांति कुछ खोने का डर कही असफल होने का डर और ये चीजे जीवन पर उथल पुथल मचा देती है
तो आप को करना क्या है की एक प्रश्न खुद से करना है चीजे खुद व खुद साफ हो जायँगी
आप मुझे बताये आप के पास एक मोबाइल है तो प्रश्न ये है की मोबाईल है तो क्यो आप एक मिनिट भी बिना सोचे ये बता सकते है की ये क्यों है ये हमारी जरुरत है हमने इसे बनाया है इसलिए ये है यानि मोबाइल का अस्तित्व के पीछे जो कहानी है वो आप सब को पता है ।

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लेकिन यही सवाल मैं फिर करू की हम यानि हम मनुष्य या जानवर है तो क्यो है अरे भाई हमारा अस्तित्व क्या है
मोबाइल का तो पता है की मोबाइल को बनाने की पीछे एक कहानी है मोबाइल की जो लाइफ है वो हमारे उपभोग के लिए लेकिन हमारा क्या हम है तो क्यों है ये वो प्रश्न है जो हमें हिला देता है
आप ने जन्म लिया आप 80 या 100 साल जिए आप इज्जत कमाते है आप पैसा कमाते है पर ये सोचा है क्या  भाई और सबसे बड़ी समस्या हम कभी ये सोचते ही नहीं की हम है तो क्यों है।
एक कहानी कछुऔ के प्रजनन की दरअसल बंगाल की खाड़ी में कछुओं की एक प्रजाति रहती है अब होता ये है की मादा कछुआ लाखो की संख्या में हर साल भारत के रेतीले तटो पर करोडो की संख्या पर अंडे देती है क्योकि मैं बायोलॉजी स्टूडेंट हु मे ये पढ़ रहा था यहाँ तक तो ठीक था एक समय के बाद अन्डो से बच्चे निकले तो सारे बच्चे निकलते ही समुद्र की तरफ भागते है
अब मेरा माथा ठनका अरे भाई अंडे से निकला बच्चा दुनिया के बारे में क्या जनता है कुछ नही पर उसको कैसे पता की उसे किस तरफ जाना है विकल्प दो थे पहला की वो जमींन की ओर भागे या समुद्र की ओर तो क्या कोई प्रोग्रामिंग है क्या पर छोड़ो वो कछुआ है जानवर है
पर आप को नहीं लगता हम भी ऐसा ही करते है पैदा होने से लेकर मरने तक बिना सोचे भागते है अरे भाई वो तो कछुआ था पर आप तो इंसान हो एक पल के लिए ठहरो और सोच  अपने अस्तित्व पर सवाल करो ।
खुछ पा लेना जीत नहीं कुछ खो देना हार नहीं स्वामी विवेकानन्द ने भी यही बात पुरे दम थम के साथ दुनिया के सामने रखी थी ।
एक बार रुक कर विचार तो करो मैं एक उदाहरण देता ही चाइना की एक ऑनलाइन रिटेलर कंपनी अलीबाबा ये कंपनी का सालाना टर्नओवर 12 लाख करोड़ था यानि मध्यप्रदेश सरकार का 10 सालो का बजट तो इतनी बड़ी कंपनी बनाने के बाद एक बातचीत में इसके मालिक ने कहा की अलीबाबा को बनाना उनके जीवन की सबसे बड़ी गलती थी वे सारा जीवन ये समझते रहे की वो अलीबाबा को चला रहे है पर वास्तविकता ये थी की कंपनी उन्हें चला रही थी वो सारा जीवन उस कंपनी को बनाने में लगे रहे पर बुढापे के इस दौर में उन्हें समझ आया की कंपनी तो बन गयी लेकिन पर इसमें उन चीजो न पा सके जो वास्तव में हर इंसान को चहिये वो इनके किसी काम न आ सकी मरते वक्त उनके मन में मलाल होगा की कास अगर ये बात उन्हें पहले समझ आ जाती तो मरते वक्त और जीने की इक्छा नहीं होती  जिंदगी से मलाल नहीं होता
इसलिए मेरे भाई एक पल के लिए रुक सोच तूहै तो क्यों है मैं हु तो क्यों है हमारा अस्तित्व है तो है क्या।
यदि आज से आप ने इस प्रश्न पर सोचना सुरु कर दिया तो आप की आधी समस्या ख़त्म।
अब जो दूसरी चीज है वो है माइंड
जब आप जीवन पर गहन विचार कर लेंगे तो आप जीवन व्यर्थ के संघर्ष करना बंद कर देनगे आप को पता होगा की आप को जिंदगी के 80 सालो या 100 सालो में क्या पाना है क्या हासिल करना है इसी को शास्त्रो में मुक्ति का मार्ग कहा गया है।
पर अब माइंड का क्या करे ये वो बला जो हमको कण्ट्रोल करती रहता है तो करना क्या है आप इस बात को सांझो की ये काम कैसे करता है
जो हमारा मन है हमसे खेलता रहता है जैसे हम खुश होते है क्यों क्योकि मन कहता है हँसो दुखी होते है क्योकि मन कहता है रोओ
बास्तव में मन बड़ा उलझा हुआ है हम खुश चीजो वस्तूऔ से होते है आप के दोस्त के पास कार है और वो बड़ा खुश है मन को तुरंत ये लगने लगा की वो खुश उस कार की वजह से है बकील को लगता है डॉक्टर बड़ा खुश है डॉक्टर को लगता टीचर बड़ा खुश वास्तव में ख़ुशी चीजे नहीं ख़ुशी समझ से आती है ।
और हम कभी अपने मन को समझ ही नहीं पाये और जिस दिन आप इस मन को समझ गए उस दिन आप फ़टे जूते पहन के भी खुश रहोगे ।
आप समझो मन को वरना ये मन आप को खुश रहने के नाम पर बन्दर की तरह एक डाली से दूसरी दूसरी से तीसरी पर बस कूदता रहेगा ।
और आप ने मन को समझ लिया ने दूसरा स्तर पार कर
लिया ।
अब तैयारी और सबसे पूर्ण चीज आप की इंद्रिया आप क्या बोले क्या सुने क्या देखे क्या महसूस करे इस पर आप का नियंत्रण ।
आप में से कितनो को ये पता होगा की सच बोलना चाहिए मुझे लगता है 100 प्रतिशत लोगो को लेकिन कितने है जो ये करते है ।
ये अंतर बस इन्द्रियों पर नियंत्रण न होने के कारण आप ने जान लिया जीवन क्या है मन कैसे काम करता है पर इन्द्रियों पर नियंत्रण नहीं कर पाया तो ये  वैसा ही है जैसे आप के पास कार तो है आप को ड्राइव करना नहीं आता ।
तो कार आप के क्या काम की ।
तो ये वो तीन चीजे है जो आप के जीवन को बदल कर रख देंगी जिंदगी आप को एक खेल नजर आएगा और सबसे बड़ी बात मरते वक्त आप यही सोचोगे की वाह मजा आ गया क्या जिंदगी थी ।
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Thanks.

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